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CAA क्या है पूरी जानकारी in hindi और CAA full form in hindi

सीसीए कानून और उससे जुड़ा विवाद क्या है. CAA क्या है पूरी जानकारी in hindi जानने के लिए इस आर्टिकल को बिना स्किप किए पूरा पढ़े.

पहले आर्टिकल 370, फिर तीन तलाक, उसके बाद राम मंदिर का निर्माण और अब पूरे देश में CAA लागू कर दिया गया है. यह भाजपा सरकार के शासन में चौथा मुद्दा है. जिसको लेकर चर्चा गरम है. CAA शब्द हम पहली बार नहीं सुन रहे हैं. सीसीए वही शब्द है जिसकी वजह से देश ने पिछले 5 वर्षों में कई आंदोलन को देखा है. अगर आपको याद हो तो दिल्ली का शहीन बाग आंदोलन सीसीए के विरोध में ही शुरू किया गया था. वैसे तो यह कानून अब देश में लागू हो चुका है.
लेकिन इसको लेकर विवाद कम नहीं हुआ है. अभी भी देश के मुसलमानों को यह भ्रम है कि उनकी नागरिकता छीन ली जाएगी. उनसे कागज दिखाने को कहा जाएगा. जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है. तो आईए विस्तार से जानते हैं इस नए कानून के बारे में कि क्या है कानून और उससे जुड़ा विवाद क्या है. CAA क्या है पूरी जानकारी in hindi जानने के लिए इस आर्टिकल को बिना स्किप किए पूरा पढ़े.

जानें CAA क्या है पूरी जानकारी in hindi, किसको होगा फायदा?

बीते 11 मार्च 2024 को सरकार ने एक अधिसूचना लाकर पूरे देश में CAA कानून को लागू कर दिया है. लेकिन यह CAA कानून है क्या. असल में CAA कानून सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट है. यानी यह नागरिकता संशोधन अधिनियम है. यह देश की नागरिकता से संबंधित कानून है. जिसमें तीन मुस्लिम बहुल देश पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के गैर मुस्लिम अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता के संबंध में नई शर्तों के तहत परिभाषा में संसोधन किया गया है.

इसके तहत अब मुस्लिम की अधिकता वाले तीन देश अफगानिस्तान, बंगलादेश और पाकिस्तान से भारत आये उन लोगों को नागरिकता प्रदान की जाएगी जो धार्मिक रूप से गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यक हैं. और 2014 के 31 दिसंबर के पहले भारत को अपना बसेरा चुना है. अगर और स्पष्ट तौर पर कहा जाए तो इन तीन देशों से आने वाले गैर मुस्लिम अल्पसंख्यक हिंदू, बौद्ध, जैन, पारसी, सिख और क्रिश्चन शरणार्थियों को अब भारत की नागरिकता प्रदान की जाएगी.

CAA क्या है पूरी जानकारी in hindi
CAA क्या है पूरी जानकारी in hindi

CAA full form in Hindi

सीसीए का फुल फॉर्म है citizenship amendment act. अगर हिंदी में इसकी बात की जाए तो CAA का हिंदी में फुल फॉर्म है नागरिकता संसोधन अधिनियम. इसके तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले गैर मुस्लिम अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता प्रदान की जाएगी. जो नागरिकता की शर्तों को पूरा करते हैं. और इसके साथ ही उन लोगों को अवैध प्रवासी घोषित किया जाएगा. जो भारत में अवैध तरीके से घुसे हुए हैं या बिना किसी वैलिड दस्तावेज के रह रहे हैं या तय अवधि से ज्यादा समय से रह रहे हैं.

CAA के तहत किनको मिलेगी नागरिकता | क्या हैं शर्तें

  • वह पाकिस्तान, अफगानिस्तान या बांग्लादेश के धार्मिक रूप से गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यक हो
  • वह भारत में 5 साल या उससे अधिक समय से रह रहे हो.
  • भारत में 31 दिसंबर 2014 के पहले ही आए हो.
  • वह व्यक्ति हिंदू, क्रिश्चियन, सिख, बुद्धिस्ट, जैन या पारसी हो.

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सीसीए कानून से नागरिकता लेने वाले को क्या फायदा होगा?

आपके मन में यह भी सवाल आ रहा होगा कि आखिर CAA कानून के तहत मिलने वाली नागरिकता से उन व्यक्ति को क्या-क्या फायदा मिलने वाला है. तो उनको मौलिक अधिकार मिल जाएंगे. उनको भारत में प्रॉपर्टी खरीदने का अधिकार मिल जाएगा. जितने भी सरकारी नौकरियां होगी उसके लिए वे अप्लाई करने के पात्र हो जाएंगे. अब उनके बच्चे स्कूलों में भारत के स्कूलों में पढ़ पाएंगे. इसके साथ-साथ सबसे बड़ी बात है कि इन्हें भारत की सारी योजनाओं का भी लाभ मिलेगा. इन्हें आवास योजना, उज्ज्वला योजना जैसी योजनाओं का लाभ मिलना तय होगा.

सीसीए क्यों लागू किया गया?

सीसीए को लागू करने के पीछे सरकार और गृह मंत्रालय का यह कहना है कि आजादी के पहले ये तीनों मुसलमानों की अधिकता वाले देश भारत का हिस्सा हुआ करते थे. इन देशों में अगर कोई भी धार्मिक रूप से गैर मुस्लिम अल्पसंख्यक धार्मिक उत्पीड़न के कारण भारत में शरण लेता है. तो उनकी रक्षा भारत का कर्तव्य है. चूँकि ये तीनों देश भारत से ही अलग हुए हैं. इस तरह यह तीनों देशों के गैर मुस्लिम अल्पसंख्यक मूल रूप से भारत से ही निवासी रहे हैं.

क्या है विवाद

CAA को लेकर मुख्य विवाद है कि इसमें पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के मुस्लिमों को क्यों नहीं शामिल किया गया है? आपके मन में भी यह सवाल आ रहा होगा कि आखिर इन देशों के मुसलमान के साथ यह भेदभाव क्यों किया जा रहा है. अगर इन देशों का कोई मुसलमान भारत की नागरिकता चाहता हो, तो उनको CAA में शामिल क्यों नहीं किया गया है. तो इसको लेकर मिनिस्ट्री ऑफ़ होम अफेयर्स के द्वारा यह बताया गया है कि इन देशों में मुसलमान बहुत संख्यक है. और CAA में इन देशों के उन अल्पसंख्यकों को शामिल किया गया है जो धार्मिक रूप से अल्पसंख्यक होने की वजह से वहां सताए जा रहे थे या प्रताड़ित किया जा रहे थे.

क्या सीसीए कानून एन्टी मुस्लिम है?

CAA के कानून बनने के साथ ही इस तरह की बातें की जाने लगी थी कि यह कानून देश के मुसलमान के खिलाफ है. यानी यह कानून देश के मुसलमान के विरोध में है. उनके हित में नहीं है. तो आपको यह साफ कर दे कि इस कानून का देश के मुसलमान से कोई लेना-देना ही नहीं है. इसमें यह कहीं भी प्रावधान नहीं किया गया है कि किसी भी मुसलमान का जो इस देश के नागरिक हैं. इस कानून की वजह से उनकी नागरिकता छिन जाएगी या चली जाएगी. हमें यह समझने की आवश्यकता है कि CAA के तहत नागरिकता दी जा रही है. ना की नागरिकता छिनीजा रही है. इस बेसिक चीज को समझ कर आप भ्रम और असलियत का पता लगा सकते हैं.

यह कहीं ना कहीं फैलाए गए भ्रम का असर है कि मुस्लिम विरोधी कहा जा रहा है. CAA में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जिसके तहत भारत के किसी भी नागरिक के नागरिकता छीनी जाए. ऐसा भारत सरकार के गृह मंत्री अमित शाह ने कई मौकों को पर कहा है.

CAA के तहत नागरिकता के लिए कैसे करें आवेदन?

सीसीए कानून के तहत पत्र शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान करने के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया को पूरा करना होगा. इसके लिए ऑनलाइन पोर्टल भी तैयार किया जा चुका है. जहां उन्हें ऑनलाइन ही आवेदन करना है. और उन जानकारी को बताना है. जो उनसे पूछा जाएगा. जैसे कि उन्होंने भारत में कब प्रवेश किया था. ऐसा कहा जा रहा है कि उनसे कोई भी दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा. इसके बाद जरूरी जांच पड़ताल के पश्चात आवेदकों को भारत की नागरिकता प्रदान की जाएगी.

FAQ: CAA से जुड़े बड़े सवालों के जवाब

प्रश्न 1. क्या यह कानून देश के मुसलमान के विरोध में है?

उत्तर: नहीं.

प्रश्न 2. क्या देश के मुसलमानों को इस कानून से डरना चाहिए?

उत्तर: नहीं

प्रश्न 3. क्या CAA से किसी की नागरिकता चली जाएगी?

उत्तर: नहीं यह केवल नागरिकता प्रदान करने का कानून है. इसमें नागरिकता छिनने का कोई प्रावधान नहीं है.

प्रश्न 4. CAA के तहत कागज दिखाना होगा?

उत्तर: नहीं, ऐसी कोई बात नहीं है.

प्रश्न 5. CAA के तहत किनको फायदा होगा?

उत्तर: उन गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यक शरणार्थियों को जो पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से प्रताड़ना की वजह से भारत में शरण लिए हुए हैं.

Rajaram Prasad ( Owner )

It's me Rajaram Prasad Founder and CEO of TechFdz.com and Tech YouTuber with 2.9M Subscribers at Sikhe All In Hindi.

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