Gudi Padwa Kahan Manaya Jata Hai | गुड़ी पड़वा किस राज्य का वसंत समय का त्यौहार है ?

Gudi Padwa Kahan Manaya Jata Hai – इस त्यौहार को महाराष्ट्र समेत कर्नाटका, तेलंगना और आंध्र प्रदेश में बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है. ये तो आप सभी को पता ही होगा की हमारे देश में हर धर्म के लोग मौजूद है और सभी स्टेट में अलग अलग धर्म और जाती के लोग बसे हुए है. जिसके चलते सभी लोग अपने अपने धर्म के अनुसार त्योहारों को बहुत ही धूम धाम से मानते है.
ठीक इसी प्रकार महाराष्ट्र का गुड़ी पड़वा एक जाना माना त्यौहार है, जिसको लोग बहुत ही धूम धाम से मानते है. अगर आपको नहीं पता है की Gudi Padwa क्यों मनाया जाता है और गुड़ी पड़वा कहां का त्यौहार है तो ये पोस्ट खास आपके लिए ही है.
जहाँ पर आपको आपके इस गुड़ी पड़वा को लेकर सारे जवाब मिलने वाले है. इसलिए आप इस पोस्ट में हमारे साथ शुरू से लेकर अंत तक बने रहे. जिससे की आपके दिल में Gudi Padwa Tyohar को लेकर किसी भी प्रकार का कोई भी सवाल ना रहे.

Contents
Gudi Padwa क्यों मनाया जाता है ?
चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा को ही हम गुड़ी पड़वा के नाम से जानते है. माना जाता है की इस गुड़ी पड़वा के दिन ही पुरे सृष्टि की रचना हुई थी और भगवान् ब्रम्हा जी द्वारा ही इस पूरी सृष्टि का निर्माण किया गया था. जिसके चलते हिंदी पंचांग कैलंडर के अनुसार ही इस गुड़ी पड़वा के साथ नए साल की शुरुआत होती है.
यह एक ऐसा महिना होता है, जिसमे सिर्फ नव वर्ष की ही शुरुआत नहीं होती, बल्कि रियल लाइफ में भी नए मौसम की शुरुआत होती है. इसी समय से बागों में फूल खिलने लगते है और हर तरफ हरयाली ही हरयाली नज़र आती है. यदि हम इसको आसान भाषा में कहे तो इस समय सभी वृक्ष, पौधे व् फल फूल फूलने शुरू हो जाते है.
इसके अलवा इसकी कई और मान्यता भी है, कहा जाता है की इसी दिन भगवान् श्री राम जी ने बाली के अत्याचार शाशन से उनकी प्रजा को आजादी दिलाई थी.
Gudi Padwa Kahan Manaya Jata Hai ?
इस त्यौहार महाराष्ट्र समेत कर्नाटका, तेलंगना और आंध्र प्रदेश में बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है.
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Gudi Padwa त्यौहार को इस नाम से ही क्यों जानते है ?
जैसा की हमने पहले ही बता दिया है की चैत्र मास की शुल्क प्रतिपदा को गुड़ी पड़वा होता है, हिंदी पंचांग के अनुसार इस दिन नए साल का आरम्भ होता है और रही बात गुड़ी पड़वा की, तो इसका सीधा सा यह मतलब है की इस दिन ब्रम्हा जी द्वारा सृष्टि की संरंचना की गयी थी. जोकि एक ख़ुशी का समय था और गुड़ी पड़वा का मतलब भी यही है जीत कायम करना होता है.
यदि हम इसको आसान शब्दों में कहे तो गुड़ी पड़वा का मतलब विजय पताका है. यानि की सृष्टि के निर्माण में ब्रह्मा जी सफल हुए, जिसके चलते इसको गुड़ी पड़वा के नाम से जाना जाने लगा.
गुड़ी पड़वा त्यौहार कब मनाया जायेगा ?
इस साल 2024 में गुड़ी पड़वा का त्यौहार 9 अप्रैल 2024 को मनाया जायेगा. जिसका शुभ मुहरत 8 अप्रैल को रात के 11 बजकर 50 मिनट पर शुरू है और समाप्ति 9 अप्रैल को रात को 8 बजकर 30 मिनट पर है.
निष्कर्ष – Gudi Padwa Kahan Manaya Jata Hai
हमे उम्मीद है की आपको Gudi Padwa Kahan Manaya Jata Hai और Gudi Padwa क्यों मनाया जाता है के बारे में अच्छे से जानकारी मिल सकी होगी. अगर अभी भी आपके मन में किसी भी प्रकार का कोई भी सवाल हो, तो आप हमें कमेंट्स में बता सकते हो. हमे आपके भी सवालों का जवाब देते हुए बहुत ख़ुशी होती है.