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व्यवहार मे विनम्रता कैसे आती है? – जीवन मे उतार लें येँ 8 बातें?

व्यवहार मे विनम्रता कैसे आती है यह थोड़ा अजीब सा सवाल है. मगर याद रहे मित्रों यदि आपके व्यवहार मे विनम्रता नहीं तो आपके पास चाहे कितनी भी धन दौलत क्यूँ न हो मगर फिर भी आप एक कंगाल इंसान के समान है. पैसों का घमंड तो हर कोई कर सकता है, मगर व्यवहार मे विनम्रता का जो घमंड है वह इससे कई गुना ऊंचा है.

परिचय:-

व्यवहार मे विनम्रता कैसे आती है यह थोड़ा अजीब सा सवाल है. मगर याद रहे मित्रों यदि आपके व्यवहार मे विनम्रता नहीं तो आपके पास चाहे कितनी भी धन दौलत क्यूँ न हो मगर फिर भी आप एक कंगाल इंसान के समान है. पैसों का घमंड तो हर कोई कर सकता है, मगर व्यवहार मे विनम्रता का जो घमंड है वह इससे कई गुना ऊंचा है. आप अपने जीवन के लक्ष्य को पाने के लिए न जाने क्या-क्या करते रहते है. और भले ही आप अपने लक्ष्य को छु भी लें, लेकिन यदि आपके अंदर व्यवहार मे विनम्रता की कमी है तो फिर आप किसी काम के नहीं रहते है. आज के इस लेख मे हम आपको कुछ ऐसी 8 बातों के बारे मे बताने जा रहे है, जिससे आप अपने व्यवहार मे विनम्रता ला सकते है. तो चलिए बिना किसी देरी के जान लेते है.

vyavhar me vinamrata kaise aati hai
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व्यवहार मे विनम्रता कैसे आती है ?

विनम्रता मनुष्य का व्यक्तित्व आभूषण होता है. इसके माध्यम से ही हमारा जीवन खूबसूरत बनता है, क्यूंकी विनम्र होकर ही हम पात्रता अर्जित करते है. विनम्र होकर ही हम ग्रहण करना सीखते हैं और विनम्रता के कारण ही हम दूसरों से जुड़ पाते हैं. भारतीय संस्कृति में इसी विनम्रता को व्यक्त करने के लिए प्रणाम और अभिवादन करने की परंपरा है. लेकिन सिर्फ इतना ही करना काफी नहीं है, आपको यदि पूर्ण रूप से विनम्रता को हासिल करना है तो उसके लिए आपको इन 8 बातों को अपने जीवन मे उतारना होगा.

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1- इस बात को स्वीकार करें कि आप हर एक चीज़ में सर्वश्रेष्ठ नहीं हो सकते?

कुछ ऐसे मनुष्य होते है जो यह मानते है की हम हर एक चीज मे सर्वश्रेष्ठ है जबकि यह उनकी आँखों का धोखा होता है ओर इससे ज्यादा कुछ भी नहीं. मनुष्य को हमेशा याद रखना चाहिए की वह किसी एक चीज मे तो सर्वश्रेष्ठ हो सकता है. मगर हर किसी चीज मे सर्वश्रेष्ठ वह हरकीज नहीं हो सकता. यदि आप इस बात को स्वीकारते है तो आप विनम्रता के पहले चरण को पार कर चुके है.

2-अपनी अंदर मौजूद कमियों को पहचानें ?

हर किसी मनुष्य के अंदर कुछ न कुछ कमी जरूर से होती है. अक्सर मनुष्य दूसरों की कमियों पर चर्चा करता रहता है. मगर अपने अंदर पल रही कमी को वह नजरंदाज करता रहता है. जिससे वह अहंकार की और कदम रखने लगता है. यदि आप एक विनम्र मनुष्य की श्रेणी मे आना चाहते है तो आपको आपके अंदर की कमियों को पहचानना होगा , तभी आप एक सफल विनम्रता पूर्वक मनुष्य बन सकेंगे.

3- आप के पास जो कुछ भी है, उस के लिए आभारी रहें ?

मनुष्य को जो भगवान ने दिया है वह उसका लाभ उठाने के बजाए जो उसको नहीं मिला है उसके लिए हमेशा भगवान को कसूरवार ठेराता रहता है. यदि मनुष्य यह न सोचकर यह सोचे की जो कुछ भी मेरे पास है. कुछ लोग उसे पाने के लिए भी भगवान से प्राथना करते है. तब आपको मिली हर चीज की एमहियत का पता चलेगा. तो जो कुछ भी आपके पास है हमेशा उसके लिए भगवान के आभारी रहे, यही आपके व्यवहार मे विनम्रता होने का लक्षण है.

4- ग़लतियाँ करने से बिल्कुल ना घबराएँ ?

कुछ मनुष्य ऐसे होते है जो एक-एक कदम बड़ा ही फूक-फूक कर रखते है. और सोचते है की कोई गलती न हो जाए. और इसी चाह मे वह हद से भी ज्यादा गलती कर बैठते है. जबकि एक विनम्र मनुष्य ऐसा नहीं सोचता है. वह अपनी गलतियों से डरता नहीं है घबराता नहीं है. क्यूंकी किसी ही मनुष्य से गलती होना एक सामान्य बात है. आप जीवन मे सबसे ज्यादा गलतियों करके ही तो सीखते है. इसलिए कभी भी अपनी गलतियों से न घबराएं.

5- अपनी ग़लतियों को स्वीकारें ?

दुनिया मे ऐसा कोई भी मनुष्य नहीं है जो की गलती न करता हो. मगर कुछ मनुष्य ऐसे होते है जो एक गलती करने के बाद उसे छुपाने के लिए न जाने कितनी गलतियाँ कर देते है. और पाप के अंधकार मे चले जाते है. यदि आप अपने समाज के लिए कुछ करना चाहते है तो उसके लिए आपको आपके द्वारा की गई गलतियों को स्वीकारना होगा. तभी आप एक सफल और विनम्र मनुष्य बन पाएंगे.

6-डींगें मारने से बचें ?

अपने ऊपर विश्वास होना और अपनी उपलब्धियों पर गर्व होना अच्छी बात है, लेकिन ऐसा हर किसी को अच्छा नहीं लगता है. आपने आपने जीवन मे जो महान काम किया है उसकी सराहना करना आपके मुख से अच्छा नहीं लगता. यदि यह सराहना कोई अन्य व्यक्ति आपके पीछे करे तो यह आपके द्वारा हासिल की गई उपलब्धियों का सही दाम होगा. यदि आप अपनी उपलब्धियों को युही बखान करते फिरते है तो आप कभी भी एक विनम्र मनुष्य नहीं बन सकते है. इसलिए इस चीज का त्याग करे और डींगें मारने से बचें.

7- बातचीत के दौरान पूरा ध्यान इस पर केंद्रित रखें?

विनम्र होने का अर्थ यह बिल्कुल भी नहीं, कि आपको हर जगह पर नम्र बनना ज़रूरी है, विनम्र होने का अर्थ यह बिल्कुल भी नहीं कि आपका कोई आत्म-सम्मान ही ना हो. हालाँकि, एक विनम्र व्यक्ति हर किसी की बातों को ध्यान से सुनता है, और बीच में ही बात को छोड़ता या किसी भी व्यक्ति को नहीं टोकता है. विनम्र व्यक्ति होने के नाते, आप को यह समझना होगा कि हर एक व्यक्ति के अपने सपने, अपने लक्ष्य हैं और वे भी इन के बारे में बातें करना चाहते हैं, तो उन की उपलब्धियों और विचारों के बारे में बातें करें उनकी बातों को अनसुना न करे.

8- सारा श्रेय खुद ना लें?

जब आप एक सफल मनुष्य बनते है तो उसके पीछे न जाने कितनी चीजों का हाथ होता है. आपको यह याद रखना चाहिए की आप इस जीवन मे कुछ भी अकेले ही हासिल नहीं कर सकते है. इसलिए हमेशा खुद को ही सारा श्रेय नहीं लेना चाहिए.

अंतिम शब्द:- व्यवहार मे विनम्रता कैसे आती है

अंत मे हम आपसे यही कहना चाहते है की जीवन मे कभी भी आपको टोफ नहीं समझना है. आपको हर एक चीज के लिए सर्वश्रेष्ठ नहीं बनना है. बल्कि जो काबिलियत आपके पास है आपको उसमे ही सर्वश्रेष्ठ बनने की कोशिश करनी है जोकि आप कर भी सकते है. व्यवहार मे विनम्रता लाने के यही मूल मंत्र है. आशा करते है आपको हमारी यह जानकारी पसंद आई होगी तो आप हमे कमेन्ट के माध्यम से जरूर बताए और आगे भी इसी तरह की पोस्ट को पढ़ने के लिए आते रहिएगा, धन्यवाद.

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