Protem Speaker Kya Hota Hai | प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति, कार्य, शक्तियाँ ?
Protem Speaker Kya Hota Hai:- Protem Speaker एक लेटिन भाषा का शब्द है जो प्रो टेंपोर का संक्षिप्त रूप है. इसका अर्थ "कुछ समय के लिए" होता है. इसका सविंधान मे कोई उल्लेख नहीं मिलता है, इसकी नियुक्ति एक परम्पराओ के तौर पर होती आ रही है.
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Introduction:-
Protem Speaker Kya Hota Hai:- आपको बता दे की जब भी लोकसभा या विधानसभा के चुनाव सम्पन्न होते है. तो उन नेताओ को पद ग्रहण करने से पहले शपथ लेनी होती है. जिसके बाद से ही इंटरनेट पर Protem Speaker का सवाल पूछे जाने लगता है. दरअसल Protem Speaker की चुनाव मे जीते हुए नेताओ को शपथ ग्रहण कराता है. मगर ऐसे भी कुछ लोग है जोकी नहीं जानते है की Protem Speaker Kya Hota Hai, यदि आप भी इन्ही मे से एक है तो आज की यह पोस्ट आपके लिए बेहद खास होने वाली है.
क्यूँकी आज की इस खास पोस्ट मे हम आपको प्रोटेम स्पीकर क्या होता है, प्रोटेम स्पीकर की आवश्यकता क्यूँ होती है, प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति कैसे की जाती है और प्रोटेम स्पीकर की शक्तियाँ क्या है, की जानकारी देने जा रहे है, जानने के लिए पोस्ट मे अंत तक बने रहे, चलिए अब शुरू करते है.
Protem Speaker Kya Hota Hai
अब यदि दोस्तों आपको भी नहीं पता है की Protem Speaker Kya Hota Hai या What is Protem Speaker in hindi तो अब हम आपको इसी के बारे मे जानकारी देने जा रहे है. सबसे पहले आपको बता दे की जब भी राज्य मे विधानसभा चुनाव या लोकसभा चुनाव होते है तो एक नया Protem Speaker नियुक्त किया जाता है.
प्रोटेम स्पीकर के कुछ अन्य नाम भी होते है जैसे की सामयिक अध्यक्ष , अस्थाई अध्यक्ष. जब भी राज्य मे विधानसभा या लोकसभा का गठन होता है तो उसके पश्चयात लोकसभा या विधानसभा के लिए एक अस्थाई अध्यक्ष चुना जाता है जिसे प्रोटेम स्पीकर कहते है.
Note:- प्रोटेम स्पीकर का सविंधान मे कोई उल्लेख नहीं मिलता है.
Protem Speaker Meaning in Hindi
Protem Speaker एक लेटिन भाषा का शब्द है जो प्रो टेंपोर का संक्षिप्त रूप है. इसका अर्थ “कुछ समय के लिए” होता है. इसका सविंधान मे कोई उल्लेख नहीं मिलता है, इसकी नियुक्ति एक परम्पराओ के तौर पर होती आ रही है.
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प्रोटेम स्पीकर की आवश्यकता?
यदि दोस्तों बात करे प्रोटेम स्पीकर की आवश्यकता की तो लोकसभा या विधान सभा का स्पीकर नव निर्वाचित सदन की पहली बैठक से ठीक पहले अपने पद को रिक्त कर देता है. इसलिए राष्ट्रपति या राज्यपाल सदन की कार्यवाही सुचारु रूप से चल सके इसलिए प्रोटेम स्पीकर को सदन की बैठक की अध्यक्षता करने के लिए नियुक्त करते है. आपको आपकी जानकारी के लिए बता दे की देश के प्रथम जो प्रोटेम स्पीकर थे, वह गणेश वासुदेव मावलंकर थे.
प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति ( Appointment of protem speaker )
अब दोस्तों आपने यह तो समझ लिया की प्रोटेम स्पीकर की आवश्यकता क्या होती है, आइए अब आपको बताते है की प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति कौन करता है. प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति सदन मे चयनित सबसे वरिष्ठ सदस्यों ( जो सबसे अधिक बार चुनकर आए है) की एक सूची बनाकर राष्ट्रपति या राज्यपाल के पास भेजी जाती है. यह उनका विशेषधिकार होता है की उस सूची मे से किसे वह प्रोटेम स्पीकर नियुक्त करते है.
आपको बता दे की राष्ट्रपति या राज्यपाल के द्वारा प्रोटेम स्पीकर को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई जाती है. प्रोटेम स्पीकर के यदि कार्य एवं कर्तव्य की बात करे तो प्रोटेम स्पीकर का मैन काम सांसदों या विधायकों को शपथ दिलाना है. इसलिए जो मैन प्रोटेम स्पीकर चुना जाता है उसके साथ ही और 2 प्रोटेम स्पीकर चुने जाते है. जिससे की यदि एक प्रोटेम स्पीकर थक जाए तो दूसरा आगे का कार्य करा सके.
प्रोटेम स्पीकर के कर्तव्य एवं कार्य ( Duties of Protem Speaker )
1- सांसदों / विधायकों को शपथ दिलाता है.
2- सदन के कार्यक्रम को संचालित करवाना व देख-रेख का जिम्मा संभालना.
3- अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष का चुनाव करवाना तथा मत बराबर होने पर प्रोटेम स्पीकर निर्णायक मत डालता है.
4- आवश्यकता पड़ने पर प्रोटेम स्पीकर सदन शक्ति मे शक्ति परीक्षण करवाता है.
5- ठीक तरह से वोट न करने पर वोटिंग को रद्द कर सकता है.
प्रोटेम स्पीकर की शक्तियाँ ( Powers of Protem Speaker )
जैसा की हमने आपको ऊपर भी बताया है की प्रोटेम स्पीकर के बारे मे सविंधान मे किसी भी तरह का उल्लेख नहीं मिलता है. मगर कई बार प्रोटेम स्पीकर की शक्तियों को लेकर हाई कोर्ट ने कहा है. आइए आपको बताते है.
1- बॉम्बे हाईकोर्ट ने सुरेन्द्र वसंत सिरसैट मामले मे अपने 1994 के फैसले में कहा की प्रोटेम, सदन का अध्यक्ष है और तब तक उसे वे “सभी शक्तियां, विशेषधिकार और प्रतिरक्षा प्राप्त है” जब तक की अध्यक्ष का चुनाव नहीं हो जाता है.
2- ओडिसा उच्च न्यायालय ने भी उड़ीसा विधान सभा गोंडावरिस मिश्रा बनाम नंदकिसोर दास मामले मे कहा की “प्रोटेम स्पीकर की शक्तियां निर्वाचित अध्यक्ष की शक्तियों के ही बराबर है”. प्रोटेम स्पीकर के पास भी स्पीकर के समान शक्तियाँ, विशेषधिकार है.
Conclusion:- Protem Speaker Kya Hota Hai
आज की इस खास पोस्ट मे हमने आपको Protem speaker के बारे मे जानकारी देते हुए बताया है की Protem Speaker kya hota hai, क्या करता है, क्यूँ जरूरत होती है और क्या शक्तियां होती है. आशा करते है अब आपको प्रोटेम स्पीकर के बारे मे सम्पूर्ण जानकारी मिल गई होगी तो आप हमे कमेन्ट के माध्यम से जरूर बताए, और आगे भी इसी तरह की पोस्ट को पढ़ने के लिए आते रहिएगा, धन्यवाद.
FAQ:-
1- प्रोटेम स्पीकर क्या होता है?
प्रोटेम स्पीकर के कुछ अन्य नाम भी होते है जैसे की सामयिक अध्यक्ष , अस्थाई अध्यक्ष. जब भी राज्य मे विधानसभा या लोकसभा का गठन होता है तो उसके पश्चयात लोकसभा या विधानसभा के लिए एक अस्थाई अध्यक्ष चुना जाता है जिसे प्रोटेम स्पीकर कहते है.
लोकसभा और विधानसभा चुनाव के बाद अब अकबरुद्दीन ओवैसी को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया गया है.
राष्ट्रपति या राज्यपाल के द्वारा प्रोटेम स्पीकर को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई जाती है.
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